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Tay–Sachs: जन्म से पहले पहचानी जाने वाली घातक बीमारी

Tay–Sachs Disease क्या है?
- Tay–Sachs एक बहुत ही गंभीर और दुर्लभ आनुवांशिक (genetic) बीमारी है
- जो ज़्यादातर बच्चों में पैदा होने के कुछ समय बाद ही दिखाई देने लगती है
- यह बीमारी शरीर के nervous system यानी दिमाग और nerves को धीरे–धीरे खराब कर देती है
- इस बीमारी में शरीर में Hex-A (Hexosaminidase A) नाम का एक enzyme नहीं बनता या बहुत कम बनता है
- यह enzyme दिमाग की कोशिकाओं से GM2 ganglioside नाम के fat जैसे पदार्थ को साफ करने का काम करता है
- लेकिन जब यह enzyme नहीं बनता तो यह fat दिमाग की cells में जमा होता जाता है
Tay–Sachs Disease क्यों होती है?
- यह बीमारी parents से बच्चे में आती है यानी यह genetic बीमारी है
- अगर माँ और बाप दोनों के genes में यह defect छुपा हुआ हो और
- दोनों मिल जाएँ तभी बच्चे को यह बीमारी होती है
- इसका मतलब parents बिल्कुल normal हो सकते हैं पर वे carrier होते हैं और खुद को पता भी नहीं होता अगर दोनों carriers हों तो:
- 25% chance कि बच्चा Tay–Sachs से बीमार होगा
- 50% chance कि बच्चा carrier होगा
- 25% chance कि बच्चा पूरी तरह normal होगा
Tay–Sachs के लक्षण (Symptoms)
इसके लक्षण आमतौर पर 6 महीने की उम्र के बाद दिखने शुरू होते हैं:
- बच्चा आँखों से चीजें ठीक से नहीं देख पाता
- शरीर कमजोर पड़ता जाता है
- गर्दन और हाथ-पैर का नियंत्रण खो जाता है
- Development रुक जाती है (बोलना चलना सीखना बंद)
- Muscle में दर्द और खिंचाव
- Seizures (दौरे पड़ना)
- सुनाई और दिखाई देना धीरे धीरे बंद हो जाना
- आँख की retina में cherry-red spot दिखना (यह doctors के लिए सबसे बड़ा संकेत है)
जैसे जैसे बीमारी बढ़ती है बच्चा हिलना-जुलना तक बंद कर देता है और ज़्यादातर बच्चे 4–5 साल उम्र तक ही जी पाते हैं
Tay–Sachs Disease का इलाज (Treatment)
इस बीमारी का अभी तक कोई permanent इलाज नहीं है treatment सिर्फ symptoms कम करने में मदद करता है:
- दौरे रोकने की दवाइयाँ
- दर्द कम करने की दवाइयाँ
- खाना निगलने में मदद के लिए tube feeding
- physiotherapy शरीर को support देने के लिए
- special care at home
Research चल रही है जैसे gene therapy, enzyme replacement therapy, stem cell therapy, लेकिन अभी ये पूरी तरह सफल नहीं हैं
Tay–Sachs से बचाव कैसे किया जा सकता है
- Genetic testing सबसे बड़ा तरीका है माता–पिता शादी से पहले या बच्चे के जन्म से पहले test करा सकते हैं
- Carrier testing उन परिवारों में ज़रूर कराया जाता है जिनमें पहले यह बीमारी हुई हो
- गर्भावस्था में prenatal test करवाकर पता लगाया जा सकता है कि बच्चा बीमार है या नहीं
Tay–Sachs किन लोगों में ज्यादा पाया जाता है?
यह बीमारी कुछ community में ज्यादा पाई जाती है:
- Ashkenazi Jewish communities
- French Canadian
- Irish और Cajun population
Tay–Sachs Disease में Hex-A enzyme की क्या भूमिका होती है?
- Hex-A enzyme दिमाग की कोशिकाओं में जमा होने वाले GM2 ganglioside नाम के harmful fatty पदार्थ को साफ करता है
- अगर यह enzyme कम हो या बिल्कुल न बने तो यह fat दिमाग की nerve cells में जमा होता जाता है
- इससे neurons मरने लगते हैं और दिमाग का functioning नष्ट हो जाता है
- इसी वजह से बच्चे का development रुक जाता है muscle control खत्म हो जाता है
Tay–Sachs Disease का पता कैसे लगाया जाता है?
- इस बीमारी का पता लगाने के लिए doctors कई तरह के test करते हैं जिनमें सबसे important है
- blood test जिससे Hex-A enzyme की मात्रा नापी जाती है अगर यह बहुत कम हो तो बीमारी confirm होती है
- इसके अलावा genetic testing से gene defect को खोजा जाता है
Tay–Sachs Disease और Carrier में क्या अंतर होता है?
- Tay–Sachs का असली patient वह होता है जिसमें दोनों parents से defective genes मिलते हैं
- और इसके शरीर में Hex-A enzyme लगभग ना बराबर होता है जबकि carrier व्यक्ति को
- एक defective gene मिलता है और एक normal gene इसलिए उसके शरीर में enzyme इतनी मात्रा में बन जाता है कि disease नहीं होती carrier
- व्यक्ति बिल्कुल normal जीवन जीता है लेकिन उसके genes में defect छुपा रहता है और
- अगर उसका partner भी carrier हो तो बच्चे को disease होने का risk बहुत बढ़ जाता है
Tay–Sachs Disease में बच्चे की life expectancy कितनी होती है?
- Tay–Sachs वाले ज्यादातर बच्चे लगभग 6 महीने की उम्र तक normal दिखते हैं लेकिन उसके
- बाद symptoms तेजी से बढ़ते हैं जैसे muscle control खत्म होना, दौरे पड़ना, देखना और सुनना बंद होना,
- खाना निगलने में दिक्कत और शरीर पूरी तरह कमजोर पड़ जाना बीमारी बढ़ते-बढ़ते nervous system
- पूरी तरह fail कर देता है इसी वजह से ज्यादातर बच्चे 4 से 5 साल की उम्र तक ही survive कर पाते हैं
- और यह बीमारी आखिर में मौत का कारण बन जाती है
Tay–Sachs Disease का इलाज अभी तक क्यों नहीं मिला है?
- इस बीमारी का इलाज इसलिए मुश्किल है क्योंकि यह दिमाग की nerve cells को damage करती है
- दिमाग की cells एक बार मर जाएँ तो वापस नहीं बनती साथ ही gene defect को ठीक करना आसान नहीं है
- अभी treatment सिर्फ symptoms को control करने के लिए होता है जैसे seizures रोकने की दवा,
- physiotherapy, feeding tube, pain management scientists gene therapy, enzyme replacement therapy और stem cell therapy पर काम कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी
- method को पूरी तरह सुरक्षित और effective नहीं माना गया
Tay–Sachs Disease को रोकने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
- इसका prevention ही सबसे strong तरीका है क्योंकि disease होने के बाद इलाज मौजूद नहीं है prevention में सबसे जरूरी genetic testing है शादी से पहले या pregnancy से पहले carrier testing करवाना
- चाहिए अगर दोनों parents carrier हों तो IVF और embryo testing जैसे तरीकों से
- healthy embryo चुना जा सकता है pregnancy के दौरान prenatal test करके भी पता लगाया जा सकता है
- कि बच्चा disease लेकर जन्म लेगा या नहीं



