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हीमोफीलिया: प्रकार, लक्षण और उपचार

हीमोफीलिया के प्रकार कितने होते हैं?

  • हीमोफीलिया एक दुर्लभ आनुवंशिक रक्तस्राव विकार है जिसमें व्यक्ति के रक्त में थक्का बनाने वाले कुछ प्रोटीन (क्लॉटिंग फैक्टर) की कमी होती है या वे ठीक से काम नहीं करते हैं।
  • इस कमी के कारण, चोट लगने पर या कभी-कभी बिना किसी चोट के भी रक्तस्राव लंबे समय तक जारी रह सकता है।
  • यह बीमारी मुख्य रूप से पुरुषों को प्रभावित करती है, क्योंकि यह एक्स-गुणसूत्र से जुड़ी होती है, हालांकि महिलाएं इस बीमारी की वाहक हो सकती हैं।

हीमोफीलिया के प्रकार क्या होता है?

  1. हीमोफीलिया ए (Hemophilia A): यह हीमोफीलिया का सबसे आम प्रकार है, जो लगभग 80-85% मामलों में पाया जाता है। हीमोफीलिया ए में, रक्त में क्लॉटिंग फैक्टर VIII (8) की कमी होती है। यह फैक्टर रक्त के थक्के बनाने के लिए आवश्यक होता है।
  2. हीमोफीलिया बी (Hemophilia B): इसे “क्रिसमस रोग” भी कहा जाता है। हीमोफीलिया बी में, रक्त में क्लॉटिंग फैक्टर IX (9) की कमी होती है। यह फैक्टर भी रक्त के थक्के बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  3. हीमोफीलिया सी (Hemophilia C): यह हीमोफीलिया ए और बी की तुलना में बहुत कम आम और आमतौर पर हल्का होता है। हीमोफीलिया सी में, क्लॉटिंग फैक्टर XI (11) की कमी होती है। हीमोफीलिया ए और बी के विपरीत, हीमोफीलिया सी का वंशानुक्रम एक्स-लिंक्ड नहीं होता है, जिसका अर्थ है कि यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है। यह कुछ जातीय समूहों, जैसे एशकेनाज़ी यहूदी समुदाय, में अधिक आम है।
  4. एक्वायर्ड हीमोफीलिया (Acquired Hemophilia): यह आनुवंशिक नहीं होता है। यह तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वयं के क्लॉटिंग फैक्टर पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। यह कैंसर, ऑटोइम्यून बीमारियों, कुछ दवाओं के उपयोग या गर्भावस्था के बाद भी हो सकता है।

हीमोफीलिया की गंभीरता भी अलग-अलग हो सकती है, जो व्यक्ति के रक्त में क्लॉटिंग फैक्टर के स्तर पर निर्भर करती है:

हीमोफीलिया के लक्षण क्या होता है?

हीमोफीलिया के लक्षणों में शामिल हैं:

  • छोटी सी चोट पर भी लंबे समय तक रक्तस्राव।
  • त्वचा पर बड़े और गहरे नीले निशान (bruises)।
  • जोड़ों में रक्तस्राव (जैसे घुटनों, कोहनियों) जिसके कारण दर्द, सूजन और गति में कमी आती है।
  • मांसपेशियों में रक्तस्राव।
  • दांत निकालने या सर्जरी के बाद अत्यधिक रक्तस्राव।
  • नाक से बार-बार खून आना जिसे रोकना मुश्किल हो।
  • मूत्र या मल में रक्त आना।
  • दिमाग में रक्तस्राव (जो एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है, जिसमें तेज सिरदर्द, उल्टी, सुस्ती जैसे लक्षण दिख सकते हैं)।

उपचार क्या होता है?

  • हीमोफीलिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। उपचार का मुख्य लक्ष्य लापता क्लॉटिंग फैक्टर को बदलना है। इसे “रिप्लेसमेंट थेरेपी” कहा जाता है, जिसमें इंजेक्शन के माध्यम से रक्त में क्लॉटिंग फैक्टर डाले जाते हैं।
  • निवारक चिकित्सा (Prophylaxis): गंभीर हीमोफीलिया वाले लोगों के लिए यह नियमित रूप से दी जाती है ताकि रक्तस्राव को रोका जा सके।
  • मांग पर चिकित्सा (On-demand therapy): रक्तस्राव होने पर ही फैक्टर दिए जाते हैं।

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