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Tay-Sachs रोग क्या है? इसके लक्षण और बढ़ने की प्रक्रिया

Tay-Sachs रोग क्या है?

  • Tay-Sachs एक दुर्लभ और घातक अनुवांशिक विकार है
  • जो शरीर में एक विशेष एंजाइम की कमी के कारण होता है। इस एंजाइम का नाम है
  • Hexosaminidase A, जो तंत्रिका कोशिकाओं में वसा के जमा होने से रोकता है।
  • इसकी अनुपस्थिति में वसा जमा होने लगती है,
  • जिससे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की कोशिकाएं धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगती हैं।

Tay-Sachs रोग कैसे होता है?

यह रोग ऑटोसोमल रिसेसिव पैटर्न से फैलता है — यानी जब किसी बच्चे को दोनों माता-पिता से यह दोषपूर्ण जीन मिलता है तभी यह रोग विकसित होता है। यदि माता-पिता केवल वाहक हों, तो बच्चा सामान्य हो सकता है या केवल वाहक भी हो सकता है।

Tay-Sachs रोग के लक्षण

Tay-Sachs के लक्षण बच्चे के जीवन के पहले छह महीनों में प्रकट होने लगते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, लक्षण और गंभीर होते जाते हैं।

शुरुआती लक्षण (6 महीने तक):

  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • सिर को सीधा न रख पाना
  • आँखों में “चेरी-रेड स्पॉट” (विशेष लाल निशान)
  • ध्वनि या रोशनी से असामान्य प्रतिक्रिया
  • माइलस्टोन में देरी (जैसे बैठना, रेंगना)

मध्य चरण (6 महीने से 2 वर्ष तक):

  • दृष्टि और श्रवण क्षमता में गिरावट
  • मांसपेशियों की कठोरता
  • बार-बार दौरे (seizures)
  • निगलने में कठिनाई
  • मानसिक और शारीरिक विकास रुकना

उन्नत अवस्था (2 से 4 वर्ष):

  • पूर्ण अंधापन
  • बोलने और हिलने-डुलने में अक्षमता
  • गहरी न्यूरोलॉजिकल हानि
  • श्वास संबंधित समस्याएं
  • लगातार दौरे और अंततः कोमा

बीमारी की प्रगति कैसे होती है?

Tay-Sachs की प्रगति धीरे-धीरे होती है लेकिन अनवरत। एक बार जब मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होना शुरू करती हैं, तो उन्हें रोका नहीं जा सकता। शुरुआत में बच्चे सामान्य दिख सकते हैं, लेकिन कुछ ही महीनों में उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। यह बीमारी न्यूरोलॉजिकल क्षति को इस हद तक बढ़ा देती है कि बच्चा चल, बोल और यहां तक कि निगल भी नहीं पाता। ज्यादातर मामलों में, यह रोग 4-5 वर्ष की उम्र तक घातक हो जाता है।

Tay-Sachs की पहचान कैसे की जाती है?

रोग की पुष्टि के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:

  • एंजाइम टेस्ट: रक्त परीक्षण से Hexosaminidase A एंजाइम की गतिविधि देखी जाती है।
  • जेनेटिक टेस्टिंग: डीएनए की जांच से दोषपूर्ण जीन का पता चलता है।
  • आंखों की जांच: चेरी-रेड स्पॉट की पहचान की जाती है।

क्या Tay-Sachs का इलाज संभव है?

वर्तमान में Tay-Sachs का कोई स्थायी इलाज नहीं है। इलाज केवल लक्षणों को कम करने, दर्द को नियंत्रित करने और जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए किया जाता है। जैसे:

  • फिजियोथेरेपी
  • दौरे रोकने की दवाइयां
  • फीडिंग ट्यूब की सहायता
  • विशेष देखभाल

Tay-Sachs से बचाव कैसे किया जा सकता है?

चूंकि यह एक अनुवांशिक रोग है, इसलिए इसका सबसे अच्छा बचाव है:

  • विवाह पूर्व जेनेटिक काउंसलिंग
  • गर्भधारण से पहले माता-पिता की जीन जांच
  • गर्भकाल में भ्रूण की जेनेटिक टेस्टिंग

किन समुदायों में Tay-Sachs अधिक होता है?

Tay-Sachs रोग कुछ विशेष समुदायों में अधिक पाया गया है, जैसे:

  • ऐशकेनाज़ी यहूदी
  • फ्रेंच-कैनेडियन
  • आयरिश
  • कैजुन समुदाय

क्या एक व्यक्ति दोबारा Tay-Sachs से पीड़ित हो सकता है?

यदि एक बच्चा Tay-Sachs से पीड़ित है, तो अगली संतान में भी इसके होने की संभावना होती है यदि माता-पिता दोनों वाहक हैं। इसलिए जेनेटिक काउंसलिंग हर गर्भधारण से पहले जरूरी है।

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