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सिंगल-जीन डिसऑर्डर क्या है और इसे कैसे समझें

सिंगल-जीन डिसऑर्डर क्या है
- सिंगल-जीन डिसऑर्डर वह बीमारी होती है जो केवल एक जीन की गड़बड़ी के कारण होती है।
- हमारे शरीर की हर क्रिया, अंग और विशेषता जीन से नियंत्रित होती है।
- अगर किसी एक जीन में बदलाव हो जाए तो यह बीमारी पैदा कर सकता है।
- यह बीमारियाँ अक्सर माता-पिता से बच्चों में पास होती हैं लेकिन कभी-कभी नई गड़बड़ी (mutation) के कारण भी होती हैं।
सिंगल-जीन डिसऑर्डर के प्रकार
- सिंगल-जीन डिसऑर्डर तीन मुख्य प्रकार के होते हैं।
- ऑटोसोमल डॉमिनेंट में अगर माता-पिता में एक जीन खराब हो तो बच्चा भी प्रभावित हो सकता है।
- ऑटोसोमल रिसेसिव में बच्चा तभी प्रभावित होता है जब दोनों माता-पिता से खराब जीन मिले।
- एक्स-लिंक्ड डिसऑर्डर ज्यादातर पुरुषों में होता है क्योंकि पुरुषों में केवल एक X क्रोमोसोम होता है
सिंगल-जीन डिसऑर्डर के लक्षण
- लक्षण जीन और प्रभावित अंग पर निर्भर करते हैं।
- आम लक्षणों में शरीर में कमजोरी, थकान, त्वचा या रक्त की समस्या, पाचन या सांस की दिक्कत, विकास में देरी, मांसपेशियों की कमजोरी और याददाश्त में परेशानी शामिल हैं।
- शुरुआत में लक्षण हल्के होते हैं लेकिन धीरे-धीरे गंभीर हो सकते हैं।
सिंगल-जीन डिसऑर्डर के उदाहरण
- सिकल सेल एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाओं की आकृति बदल जाती है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। थैलेसीमिया में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है
- और बार-बार रक्त संक्रमण की जरूरत पड़ती है।
- सिस्टिक फाइब्रोसिस में फेफड़े और पाचन तंत्र में गाढ़ा म्यूकस जमा होता है
- जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। हंटिंगटन डिजीज में मस्तिष्क और स्नायु तंत्र प्रभावित होते हैं।
- हेमोफिलिया में खून का जमना धीमा होता है और चोट लगने पर खून ज्यादा बहता है।
सिंगल-जीन डिसऑर्डर की पहचान
- पहचान के लिए जेनेटिक टेस्टिंग सबसे भरोसेमंद तरीका है।
- डॉक्टर रोग का इतिहास, लक्षण और परिवार का इतिहास देखकर भी अंदाजा लगा सकते हैं।
- अगर परिवार में पहले कोई सिकल सेल या थैलेसीमिया है तो बच्चा भी प्रभावित हो सकता है।
इलाज कैसे होता है
- अधिकतर सिंगल-जीन डिसऑर्डर का पूरा इलाज संभव नहीं होता।
- इलाज लक्षणों को नियंत्रित करने पर होता है।
- इसमें दवा और सपोर्टिव थेरेपी, रक्त परिवर्तन, शारीरिक और मानसिक सपोर्ट, जीन थेरेपी और जीवनशैली सुधार शामिल हैं।
जीवनशैली और देखभाल
- नियमित डॉक्टर चेकअप जरूरी हैं।
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें। पर्याप्त नींद लें और हल्का व्यायाम करें।
- मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लक्षणों के अनुसार दवा नियमित लें।
क्या ये बीमारी वंशानुगत होती है
- अधिकतर हाँ, लेकिन कुछ नई म्यूटेशन के कारण भी हो सकती है।
- नई म्यूटेशन बिना परिवार में इतिहास के भी हो सकती है।
- इसका मतलब पहली बार किसी बच्चे में बीमारी दिखाई दे सकती है।
क्या इससे बचाव संभव है
- कुछ हद तक हाँ। पारिवारिक इतिहास जानना और प्रेग्नेंसी से पहले जेनेटिक काउंसलिंग लेना मदद करता है।
- इससे पता लगाया जा सकता है कि बच्चा प्रभावित हो सकता है या नहीं।
सिंगल-जीन डिसऑर्डर में इलाज और भविष्य
- सिंगल-जीन डिसऑर्डर का इलाज हमेशा पूरी तरह से संभव नहीं होता। लेकिन सही समय पर पहचान और उपचार से लक्षण नियंत्रित किए जा सकते हैं और जीवन को सामान्य रखा जा सकता है।
- इलाज में मुख्य रूप से लक्षणों को कम करना और शरीर की क्षमता को बनाए रखना शामिल होता है।
- कुछ मामलों में दवा, सपोर्टिव थेरेपी, रक्त परिवर्तन (blood transfusion), जीन थेरेपी, और जीवनशैली सुधार मदद कर सकते हैं।
- जीवनशैली सुधार में नियमित डॉक्टर चेकअप, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, हल्का व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना शामिल है।
- जेनेटिक काउंसलिंग प्रेग्नेंसी से पहले लेने से माता-पिता को यह समझने में मदद मिलती है कि बच्चा प्रभावित हो सकता है या नहीं।
- सही जानकारी, सावधानी और समय पर इलाज से मरीज का जीवन बेहतर और सुरक्षित रखा जा सकता है।
- सिंगल-जीन डिसऑर्डर से प्रभावित लोग सही देखभाल, दवा और सपोर्टिव थेरेपी से लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।